Thursday, 4 May 2017


योग विद्या

प्राचीन काल से लेकर आज तक स्वास्थ्य रक्षा के लिए जितने भी तरीक़े है उनमें योग विद्या सर्वोपरि है!

योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक एवम् आध्यात्मिक स्वास्थ्य कि प्राप्ति होती है! पूरे विश्व मे आध्यात्मिक गुरु, दार्शनिक और खेल प्रशिक्षक एवम् स्वास्थ्य कार्यकर्ता योग का शिक्षण एवम् प्रशिक्षण दे रहें है!     योग का अर्थ एवं प्रकार योग का वास्तविक अर्थ जोड़ना या सम्बन्ध स्थापित करना होता है, अपनी आत्म चेतना को ईश्वर से जोड़ने कि विद्या का नाम योग है! इसलिए श्रीमद्भगवद्गीता मे निर्दिश कर्मयोग- कर्म करने कि कला या जीवन जीने कि कला। भक्तियोग- ईश्वर उपासना कि विद्या। ज्ञानयोग- दार्शनिक,आध्यात्मिक और धार्मिक चिंतन के द्वारा ईश्वर एवं जगत को समझने इत्यादि सम्मिलित है। लेकिन स्वास्थ्य कि द्रष्टी से हठयोग और राजयोग अर्थात अष्टांग योग अधिक महत्वपूर्ण है।   हठयोग एवं राजयोग हठयोग के अन्तर्गत शारीरिक श्रमसाध्य योग विशेष रुप से है, इसमें शारीरिक व्यायाम- आसन। श्वास तंत्र के व्यायाम- प्राणायाम । विशिष्ट शारीरिक एवम् मानसिक स्थितियां- मुद्राएं। शक्ति संरक्षण एवम् निरोध के विभिन्न तरीक़े- बंध ! एवम् शरीर शुद्धि और आध्यात्मिक विकास कि विशिष्ट क्रियाएँ- षट्कर्म आदि सम्मिलित है। षट्कर्म के अन्तरगत धोती, वस्ती, नेती, मोली, कपालभाती, और त्राटक सम्मिलित है। हठयोग एवम् राजयोग कि कुण्डलिनी विद्या एवम् कुण्डलिनी जागरण कि विद्या अति लोकप्रिय है, कुण्डलिनी जागरण के द्वारा विभिन्न शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्तियां एव सिद्धियां प्राप्त कि जाती है। कुण्डलिनी जागरण में आध्यात्मिक साधना, मंत्रों,संध्या,ध्यान आदि का भी प्रयोग किया जाता है।   राजयोग या अष्टांग योग राजयोग को ही योग दर्शन कहा जाता है। इस विधि में योग के आठ अंग निर्धारित किए गए है। इसका मुख्य उद्देश्य ध्यान साधना के द्वारा मोक्ष प्राप्त करना है। अष्टांग योग एक व्यवस्थित विज्ञान है, जिसकी समझ योग के प्रत्येक साधक के लिए अनिवार्य मानी जाती है।।   योग चिकित्सा एवम् प्राकृतिक चिकित्सा योग कि क्रियाएँ एवम् प्रक्रियाएं त्री-ताप, त्री-दोष एवम् शारीरिक,आध्यात्मिक,मानसिक विक्रतीयों एवम् रोगों दूर करने में सहायक है, इसलिए योग चिकित्सा नाम कि पद्धति का अलग से विकास हुआ। आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक चिकित्सा में भी योग का अनिवार्य उपयोग किया जाता है।

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